*1543. बख्सो न थारी याद याद बिना हम दुखी।।678।।
बक्सों ना थारी याद याद बिना हम दुखी।
जैसी दोहागिन नार पिया बिन ना सुखी।।
सुरा बिना सुनी धाङ,फौज राजा बिना।
जन्म अकारथ जाए साहब थारे नाम बिना।।
बाढ़ बिहूना खेत सवायज हरिया चरे।
जल बिन तड़पे मीन पपीहा प्यासा मारे।।
जीतादास अधीन आश थारी करें।
घीसा बंदी छोड़ कार्ज तुमसे सरे।।
Comments
Post a Comment