*665 जाएगा हंस अकेला तू राम नाम रट भाई है।।665।।

                                  665
जायेगा हंस अकेला तुम राम नाम रट भाई रे।
       झूठा यह जगत झमेला तू राम नाम रट भाई रे।।
सोच समझ इंसान बावले, काला काला करे गुमान बावले।
                       यह तन माटी का ढेला।।
पल में तेरा घमंड तोड़ दे, माया की बावले मरोड़ छोड़ दे।
                         तेरे साथ ना जावे धेला।।
राम नाम सुखदाई रे, तेरी क्यों ना समझ में आई रे।
                         दो दिन का जग में मेला।।
मुक्ति का कोई जतन कर ले, ईश संग तू राम सुमर ले।
                         तू बन जा भगत अलबेला।।

Comments

Popular posts from this blog

*165. तेरा कुंज गली में भगवान।। 65

*432 हे री ठगनी कैसा खेल रचाया।।185।।

*106. गुरु बिन कौन सहाई नरक में गुरु बिन कौन सहाई 35